फ्रीक्वेंसी (तरंगों या स्पंदनों) का हमारे जीवन, घर, और ज्योतिषीय प्रभावों से गहरा संबंध है। ब्रह्मांड में सब कुछ ऊर्जा के रूप में विद्यमान है, और हर चीज की अपनी एक विशिष्ट फ्रीक्वेंसी होती है। वास्तु और ज्योतिष में, सही ऊर्जा और फ्रीक्वेंसी का संतुलन बनाना बहुत जरूरी होता है।
1. फ्रीक्वेंसी और वास्तु शास्त्र
हर दिशा की अपनी एक ऊर्जा फ्रीक्वेंसी होती है, जो उस दिशा से जुड़े ग्रहों और तत्वों पर निर्भर करती है:
अगर किसी घर या ऑफिस में ऊर्जा असंतुलित हो, तो वहां की फ्रीक्वेंसी प्रभावित होती है, जिससे नकारात्मकता बढ़ती है।
वास्तु दोष निवारण के लिए सही रंग, धातु, और मंत्रों का उपयोग किया जाता है।
(B) घर के वास्तु में फ्रीक्वेंसी सुधारने के उपाय
1. ध्वनि चिकित्सा (Sound Therapy):
घर में शंख, घंटी, मंत्रों का जाप करने से सकारात्मक फ्रीक्वेंसी उत्पन्न होती है।
“ॐ” का उच्चारण 432 Hz की ऊर्जा उत्पन्न करता है, जो ब्रह्मांडीय फ्रीक्वेंसी से मेल खाती है।
2. क्रिस्टल और धातुएँ:
पिरामिड, तांबा, और क्रिस्टल जैसे क्वार्ट्ज और टूमलाइन उच्च कंपन (High Frequency) उत्पन्न करते हैं।
3. ग्रहों से जुड़ी ध्वनि तरंगें (Bija Mantra):
सूर्य – “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः”
चंद्र – “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः”
मंगल – “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
शनि – “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
4. हवा और प्रकाश:
घर में खुली हवा और प्राकृतिक रोशनी से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
कपूर और देसी घी का दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा कम होती है।
2. ज्योतिष और फ्रीक्वेंसी का विज्ञान
(A) ग्रहों की ऊर्जा और उनका प्रभाव
हर ग्रह की अपनी फ्रीक्वेंसी होती है, जो हमारी कुंडली के अनुसार जीवन पर प्रभाव डालती है।
सूर्य (Sun) – 126.22 Hz (आत्मबल, आत्मविश्वास)
चंद्रमा (Moon) – 210.42 Hz (मानसिक शांति)
मंगल (Mars) – 144.72 Hz (ऊर्जा, साहस)
बुध (Mercury) – 141.27 Hz (बुद्धि, संचार)
गुरु (Jupiter) – 183.58 Hz (ज्ञान, समृद्धि)
शुक्र (Venus) – 221.23 Hz (प्रेम, आकर्षण)
शनि (Saturn) – 147.85 Hz (धैर्य, कर्मफल)
(B) ग्रहों की फ्रीक्वेंसी सुधारने के उपाय
1. ध्यान (Meditation) और मंत्र जाप
नियमित रूप से मंत्रों का जाप करने से ग्रहों की नकारात्मक फ्रीक्वेंसी कम होती है।
विशेषकर बीज मंत्रों का जाप ग्रहों की ऊर्जाओं को संतुलित करता है।
2. रत्न और धातुएँ
सही रत्न (जैसे पुखराज, नीलम, मूंगा) पहनने से ऊर्जा संतुलन में सुधार होता है।
चांदी, तांबा, सोना आदि धातुएं ग्रहों से जुड़ी ऊर्जाओं को नियंत्रित करती हैं।
3. ध्वनि और संगीत चिकित्सा
विशेष फ्रीक्वेंसी म्यूजिक (Solfeggio Frequencies) सुनने से ग्रहों के दोष कम किए जा सकते हैं।
जैसे 432 Hz (सूर्य की ऊर्जा), 528 Hz (चंद्रमा की ऊर्जा) आदि।
—
निष्कर्ष
फ्रीक्वेंसी का विज्ञान वास्तु और ज्योतिष दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सही ऊर्जा संतुलन से जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति आती है।
घर और कार्यस्थल में सही फ्रीक्वेंसी उत्पन्न करने के लिए वास्तु सिद्धांतों का पालन करें।
ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा पाने के लिए सही मंत्र, धातु, और ध्यान तकनीकों का प्रयोग करें।
ध्वनि चिकित्सा, रंग चिकित्सा, और ऊर्जा उपचार से अपने जीवन को उच्चतर फ्रीक्वेंसी में लाएं।
“ऊर्जा संतुलन सही हो, तो सफलता और शांति स्वतः प्राप्त होती है!”
Leave a Reply